Monday, June 6, 2011

पांचभौतिक आहार


Øपृथ्वी 
  गेहूँ,चावल ज्वारी,बाजरी  इ.,बदाम,अक्रोड,चारोळी,मुनक्का,सूखेअंजीर,जर्दाळु,खारीक,नारियल,सभी मिठाइयाँ, आलु ,मीठी सब्जियाँ चीज,पाव,ब्रेड,बटर,अंडा,मांसाहार,मत्स्याहार ई.
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Øआप         
  दाल,सूप,सांबार,सार,रस्सम,दूध,छास,लस्सी,कढी,फल तथा फलोंके रस पानीवाली सब्जियाँ जैसे ककडी,पालक,प्याज,दुधी,टोमेटो
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Øतेज
  सभी तीखी चीजें जैसे मिर्च,मसाले,मेथीदाना,अहळीव,बडीसौंफ,बाळंतसौंफ,तीखी सब्जियाँ
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Øवायु
  सभी  प्रकार की लाही,जव,सत्तु,,कडवीं सब्जियाँ ,भींडी,पडवळ,दोडका,हरी मेथी 
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Øआकाश
  सुपारी,कत्था,  

प्राकृत वायु का स्त्री-शरीर में महत्व

Øवायु का मुख्य कार्य कटिर, बस्तीऔर पक्वाशय है !गर्भाशय कटिर में बस्ती और पक्वाशय के मध्य में स्थित है
Øवायु सभी इंद्रियोंका प्रेरक तथा नियंत्रक- नेत्र,नासा,जिव्हा,कान,त्वचा (ज्ञानेंद्रिय) वाक,हस्त,पाद,पायु,योनी (कर्मेंद्रिय) तथा मन (उभयात्मक)
Øआहार से उत्पन्न सारभाग को गर्भाशय तक वहन करना तथा गर्भाशयगत हुए मलरुप रज को
Øतथा गर्भ को योनीमार्ग से यथासमय बाहर निकालना (MENSUS AND FETUS)
Øसभी प्रजनन अवयवॊंका  तथा रक्तवाहिनियॊंका स्वाभाविक अवकाश बनाए रखना
Øगर्भाकृती का निर्माण (FERTILISATION,CELL MULTIPLICATION,VARIOUS TISSUES,ORGANS,SYSTEM FORMATION OF THE FETUS)
Øगर्भ का धारण ,तथा उचित समय में प्रसूती(FETAL  DEVELOPMENT, EXPULSION OF FULL TERM FETUS)
ØE.g. TRAFFIC POLICE